अथर्व ने सार्थक की बात काटते हुए कहा, “रिक्की के लिए तुम ये सब बोल रहे हो सार्थक तो ठीक है । क्यों कि अक्की और विक्की दोनों शादी के मामले में सीरीअस नहीं है । ये तो तुम जानते ही हो ।”


“देखो देखो मिश्री । वो रहे orphanage के owner सार्थक सूर्यवंशी । वो आज खुद यहाँ आए है ।” ,सेकंड floor पर एक लड़की मिश्री को ये सब बोलते हुए खींच कर खिड़की के पास लेकर आई । 


“वो देख मिश्री !! मिस्टर सूर्यवंशी आए है । मैंने इन के बारे में बहुत सुना है ।” ,ये बोलते उस लड़की ने मिश्री को इशारे से सार्थक और अथर्व को दिखाया । 


मिश्री ने कुछ सोचते हुए पूछा, “ये कौन है ?? मैंने पहले कभी इन को नहीं देखा ।” 


“Omg तुम ने इन को नहीं देखा । मिश्री ये लंदन के बहुत बड़े बिजनस man है । हर साल डोनैशन करने आते है । लगता है कि तुम ने उन को कभी नहीं देखा ।” ,दूसरी लड़की ने देखते हुए मुंह बना कर कहा ।


उस की बात सुन कर मिश्री कुछ बोलती कि इतने में दरवाजे से वर्डन की आवाज आई, “मिश्री तुम्हें मैडम बुलाया रही है ।”

“मुझे ??” मिश्री असमंजस में उस को देखते हुए बोली । 





दूसरी तरफ 

सार्थक और अथर्व दोनों आश्रम के हेड के ऑफिस में उस के सामने बैठे हुए थे । 


हेड एक औरत थी । उस ने उन दोनों को देखते हुए कहा, “sir आप दोनों जैसी लड़की को गॉड लेने की बात की है । मिश्री बिल्कुल वैसी है । वो बहुत ही समझदार है ।” 


“”आप तारीफ ही करती रहेंगी । या उसे बुलाएंगी भी । हमे यहाँ काम खत्म करके वापस भी जाना है ।” ,अथर्व ने सामने से कहा । 


उस की बात पूरी करते हुए सार्थक ने कहा, “हाँ !! हमारी आज शाम को फ्लाइट है ।”


“वो आ रही है ।” हेड ने सामने से जवाब देते हुए कहा । 


सार्थक ने अथर्व के कान में कहा, “मैंने तो मजाक में कहा था कि बहु मिल जाए । तुम तो serious ही हो गए हो ।”


“अगर वो किशमिश की तरह हुई तो तुम अपना मुजाक भूल जाओगे ।” अथर्व ने भी उस के कान में धीमे स्वर में जवाब दिया । 




मिश्री ने वॉर्डन की बात सुनकर सिर हिलाया और खिड़की से हटकर धीरे-धीरे ऑफिस की ओर बढ़ने लगी। उसका मन थोड़ा उलझन में था। ये दोनों कौन हैं? और उसे क्यों बुलाया गया है? उसने कभी अपनी जिंदगी में इतने बड़े बिजनेस मैन के बारे में नहीं सुना था।

जब मिश्री ऑफिस के दरवाजे पर पहुँची, तो उसने हल्का सा खटखटाया।

"अंदर आ जाओ," हेड ने मुस्कुराते हुए कहा।

मिश्री ने अंदर कदम रखा और वहाँ बैठे सार्थक और अथर्व को देखा। दोनों उसे ध्यान से देख रहे थे। मिश्री ने उनकी ओर हल्की मुस्कान के साथ देखा और सिर झुका लिया।

"ये है मिश्री," हेड ने परिचय कराते हुए कहा। "ये हमारी सबसे समझदार और जिम्मेदार लड़कियों में से एक है।"

सार्थक ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा। साधारण लेकिन आत्मविश्वास से भरा व्यक्तित्व। उसकी आँखों में कुछ खास था, जैसे उसने अपने छोटे-से जीवन में बहुत कुछ सहा हो।

"हमें तुम्हारे बारे में बहुत कुछ बताया गया है," सार्थक ने मुस्कुराते हुए कहा। "तुम्हारा नाम मिश्री है, है ना?"




"जी," मिश्री ने धीरे से कहा। उसकी आवाज में संकोच था लेकिन उसके शब्द स्पष्ट थे।

अथर्व, जो अब तक खामोशी से उसे देख रहा था, बोला, "तुम पढ़ाई में बहुत अच्छी हो, ये सुना है।"

"जी, मैं कोशिश करती हूँ," मिश्री ने उत्तर दिया।

सार्थक ने बात आगे बढ़ाई, "तो मिश्री, तुम्हें क्या लगता है, ज़िंदगी में आगे क्या करना चाहती हो?"

मिश्री ने कुछ पलों तक सोचकर जवाब दिया, "मैं डॉक्टर बनना चाहती हूँ। जो लोग खुद की मदद नहीं कर सकते, उनकी मदद करना चाहती हूँ।"




उसका जवाब सुनकर सार्थक और अथर्व दोनों ने एक-दूसरे की तरफ देखा। उनकी आँखों में प्रशंसा थी।

"डॉक्टर बनना आसान नहीं है," अथर्व ने कहा। "बहुत मेहनत और धैर्य चाहिए। क्या तुम्हें लगता है कि तुम ये कर सकती हो?"

मिश्री ने आत्मविश्वास से कहा, "जी, अगर मुझे सही दिशा और समर्थन मिलेगा, तो मैं जरूर कर सकती हूँ।"

सार्थक ने हेड की तरफ देखा और हल्की मुस्कान के साथ कहा, "आप सही कह रही थीं। ये लड़की अलग है।"



कुछ देर की बातचीत के बाद, सार्थक और अथर्व पूरी तरह से मिश्री से प्रभावित हो चुके थे। उसके आत्मविश्वास, सरलता, और उसके सपनों ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वे सही जगह पर आए हैं।

"मिश्री," सार्थक ने गंभीर स्वर में कहा, "अगर तुम्हें एक मौका मिले, जहाँ तुम्हें पढ़ाई और जीवन में आगे बढ़ने का हर संभव साधन दिया जाए, तो क्या तुम उसे अपनाओगी?"

मिश्री थोड़ी हैरान थी। उसने धीरे से पूछा, "कौन सा मौका?"

अथर्व ने मुस्कुराते हुए कहा, "हम तुम्हें गोद लेना चाहते हैं। तुम्हारी देखभाल करेंगे और तुम्हें वो हर चीज देंगे जो तुम्हें अपने सपने पूरे करने के लिए चाहिए।"



मिश्री चौंक गई। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि ये लोग उसे गोद लेने की बात कर रहे हैं। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ गई, लेकिन वह शांत रही।

"ये अचानक से बहुत बड़ी बात है," उसने धीमे स्वर में कहा। "मुझे थोड़ा समय चाहिए, सोचने के लिए।"

सार्थक ने सहमति में सिर हिलाया। "बिलकुल। हम तुम्हें कोई जल्दबाज़ी में फैसला लेने के लिए मजबूर नहीं करेंगे। लेकिन हम चाहते हैं कि तुम इस पर सोचो। जब तक तुम अपना फैसला नहीं सुना देती । हम यही रुकेंगे ।" 



हेड ने भी मिश्री को समझाते हुए कहा, "मिश्री, ये तुम्हारे लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है।"

मिश्री ने सिर झुका लिया। उसके दिल में एक नई उम्मीद जागी थी, लेकिन साथ ही उसके मन में कई सवाल भी थे।

सार्थक और अथर्व ने मिश्री को समय देने का फैसला किया और हेड से बात करके अगली बार आने का वादा किया। मिश्री के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान थी, और वह इस नई उम्मीद के साथ वापस अपने कमरे में चली गई।